लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आज जन्मदिन है. अपने 49वें जन्मदिन पर भी सीएम योगी का हर बार की तरह कोई आयोजन नहीं कर रहे हैं. सीएम योगी संन्यासी होने की वजह से अपना जन्मदिन मनाते नहीं है. फिर भी राजनीति में होने के वजह से उनके लाखों चाहने वाले उन्हें इस दिन शुभकामनाएं जरूर देते हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने दीं शुभकामनाएं
सीएम योगी के जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके शुभकामनाएं दी हैं. पीएम मोदी ने लिखा है कि 'उनके नेतृत्व में प्रदेश उन्नति की नई ऊंचाइयां छू रहा है. नागरिकों की जिंदगी में उल्लेखनीय परिवर्तन हुए हैं. ईश्वर उन्हें लंबी और स्वस्थ जिंदगी दे.'
kushinagarsamachar.blogspot.comसीएम योगी के जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके शुभकामनाएं दी हैं. पीएम मोदी ने लिखा है कि 'उनके नेतृत्व में प्रदेश उन्नति की नई ऊंचाइयां छू रहा है. नागरिकों की जिंदगी में उल्लेखनीय परिवर्तन हुए हैं. ईश्वर उन्हें लंबी और स्वस्थ जिंदगी दे.'
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल से ताल्लुक
योगी आदित्यनाथ का अधिक समय उत्तर प्रदेश में भले बीता हो, मूल रूप से वे उत्तराखंड के रहने वाले हैं. उनका जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में यमकेश्वर तहसील के पंचुर गांव में हुआ. उनके पिता आनन्द सिंह बिष्ट फॉरेस्ट रेंजर थे़. हाल ही में उनका देहांत लंबी बीमारी के चलते हुआ. उनकी माता का नाम श्रीमती सावित्री देवी है. योगी बचपन से ही बहुत कुशाग्र और कर्मठ थे और उनकी रुचि अध्यात्म की ओर थी. योगी आदित्यनाथ की तीन बड़ी बहनें, एक बड़े भाई और दो छोटे भाई हैं.
योगी आदित्यनाथ का अधिक समय उत्तर प्रदेश में भले बीता हो, मूल रूप से वे उत्तराखंड के रहने वाले हैं. उनका जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में यमकेश्वर तहसील के पंचुर गांव में हुआ. उनके पिता आनन्द सिंह बिष्ट फॉरेस्ट रेंजर थे़. हाल ही में उनका देहांत लंबी बीमारी के चलते हुआ. उनकी माता का नाम श्रीमती सावित्री देवी है. योगी बचपन से ही बहुत कुशाग्र और कर्मठ थे और उनकी रुचि अध्यात्म की ओर थी. योगी आदित्यनाथ की तीन बड़ी बहनें, एक बड़े भाई और दो छोटे भाई हैं.
गोरखनाथ मंदिर के महंत हैं सीएम योगी
उत्तर प्रदेश के सीएम होने के साथ-साथ योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर के महंत भी हैं. मूल रूप सीएम योगी उत्तराखंड के निवासी हैं, लेकिन उनकी कर्मभूमि उत्तर प्रदेश का गोरखपुर जिला है. उन्होंने 19 मार्च 2017 को प्रदेश के विधान सभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की बड़ी जीत के बाद यूपी के 21वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. योगी आदित्यनाथ 1998 से 2017 तक भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद रहे हैं. उन्होंने सांसद का उत्तरदायित्व छोड़कर सीएम पद संभाला. योगी आदित्यनाथ हिन्दू युवाओं के सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह हिन्दू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं. उनकी छवि देश में एक प्रखर राष्ट्रवादी नेता की है. तथा इनकी छवि एक प्रखर राष्ट्ररवादी नेता की है।
उत्तर प्रदेश के सीएम होने के साथ-साथ योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर के महंत भी हैं. मूल रूप सीएम योगी उत्तराखंड के निवासी हैं, लेकिन उनकी कर्मभूमि उत्तर प्रदेश का गोरखपुर जिला है. उन्होंने 19 मार्च 2017 को प्रदेश के विधान सभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की बड़ी जीत के बाद यूपी के 21वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. योगी आदित्यनाथ 1998 से 2017 तक भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद रहे हैं. उन्होंने सांसद का उत्तरदायित्व छोड़कर सीएम पद संभाला. योगी आदित्यनाथ हिन्दू युवाओं के सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह हिन्दू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं. उनकी छवि देश में एक प्रखर राष्ट्रवादी नेता की है. तथा इनकी छवि एक प्रखर राष्ट्ररवादी नेता की है।
गोद में बंदर बैठाकर काम करते योगी, तेुंदुए के बच्चे को पिताते दूध
वे आज भी गोरखपुर प्रवास के दौरान रोज सुबह उठकर गो सेवा करते हैं। मौसम चाहे कोई भी हो लेकिन वे ब्रह्म मुहूर्त में ही उठ जाते हैं। सीएम योगी रोज सुबह नित्यक्रिया करने के बाद सीधे मंदिर की गोशाला में पहुंचकर गायों को हरा चारा या गुड़ खिलाते हैं। मुख्यमंत्री जिस अंदाज में गौ की सेवा करते हैं, उसे देखकर किसी का भी मन खुश हो जाएगा। गायों के साथ ही सीएम योगी को अपने कुत्ते कालू से भी उतना ही लगाव है जितना की अन्य पशुओं से। शायद यही वजह है कि सत्ता में आने के बाद योगी ने सबसे पहले अवैध बूचड़खानों को बंद करवा दिया था। गोरखपुर की गोशाला में गाय और उनके बच्चे भी मुख्यमंत्री को देखकर खुश हो जाते हैं। वे सीएम योगी को देखते ही प्यार से इतराने लगते हैं। इतना ही नहीं यह सीएम योगी का पशु प्रेम ही है कि गोरक्षनाथ मंदिर में गोद में बंदर बैठाकर काम करते और तेंदुए के बच्चे को बोतल से दूध पिलाते ही उनकी फोटो दुनिया भर में वायरल हो चुकी है।
सीएम बनते ही बदल दी वनटांगियों की तकदीर
वहीं, अगर पर्यावरण संरक्षण के प्रति सीएम योगी के जुड़ाव की बात की जाए तो वे आज भी अपनी दीपावली वनटांगियों के ही संग मनाते हैं। इतना ही नहीं सीएम योगी के व्यक्त्गित पहल का ही नतीजा है कि आज सिर्फ गोरखपुर ही नहीं बल्कि प्रदेश भर के वनटांगियां गांव को राजस्व गांव का सिर्फ दर्जा ही नहीं दिया बल्कि वनटांगियों को समाज की मुख्य धारा से भी जोड़कर उनकी तकदीर बदल दी। गौरतलब है कि सूबे में योगी आदित्यनाथ की सरकार से पहले वनटागियों के पास न तो पक्का मकान था और न ही शौचालय।
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